गधे की कहानी: सकारात्मक सोच और हिम्मत से बदली किस्मत!
हम सभी के जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता। हर दिशा बंद नजर आती है, उम्मीद की रोशनी धुंधली पड़ जाती है। ऐसे समय में अगर हम हार मान लें तो यही मुश्किलें हमें दबा देती हैं। लेकिन अगर हम साहस और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें, तो यही मुश्किलें हमें ऊपर उठाने की सीढ़ियाँ बन सकती हैं।
इस प्रेरणादायक कहानी में एक बूढ़ा गधा हमें सिखाता है कि कैसे संकट को अवसर में बदला जा सकता है। यह केवल एक गधे की कहानी नहीं, बल्कि हर उस इंसान की कहानी है जो जीवन की चुनौतियों के सामने झुकता नहीं।
👨🌾 किसान और गधा: एक रिश्ते की शुरुआत
एक छोटे से गांव में एक ईमानदार और मेहनती किसान अपने परिवार के साथ रहता था। उसकी आय का प्रमुख स्रोत खेती और पशुपालन था। उसके पास एक गधा था, जिसने वर्षों तक खेतों में मेहनत कर किसान की मदद की थी — कभी बोझा उठाया, कभी अनाज की बोरियाँ ढोईं।
अब वह गधा बूढ़ा हो चुका था। उसकी चाल धीमी थी और ताकत भी कम हो गई थी, लेकिन किसान उसे घर का सदस्य ही मानता था। वह उसके प्रति गहरी भावना रखता था और उसके साथ बिताए वर्षों को भूल नहीं सकता था।
🕳️ वो दिन जब गधा कुएं में गिरा
एक दिन की बात है। खेत में घास चरते-चरते गधा अचानक एक पुराने, सूखे कुएं में गिर गया। कुआं बहुत गहरा नहीं था, लेकिन इतना तो जरूर था कि गधा खुद से बाहर नहीं निकल सकता था।
गधे ने डर और दर्द से ज़ोर-ज़ोर से रेंकना शुरू कर दिया। उसकी आवाज़ पूरे खेत में गूंज रही थी।
किसान जब खेत पर पहुंचा और उसने यह दृश्य देखा, तो वह घबरा गया। वह अपने प्यारे गधे को बचाना चाहता था, इसलिए तुरंत कोई हल निकालने की कोशिश करने लगा।
🪢 राहत की कोशिशें: जब हर उपाय विफल हो गया
किसान ने कई प्रयास किए —
वह रस्सी लाया, लेकिन गधा रस्सी में बंध नहीं पाया। उसने लकड़ी के पटरे डालकर गधे को ऊपर चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन गधा थका हुआ और डरा हुआ था। आसपास के लोग भी मदद को आए, लेकिन सबकी कोशिशें नाकाम साबित हुईं।
काफी देर तक मशक्कत करने के बाद किसान थक कर बैठ गया। उसने सिर झुकाकर सोचा — “शायद अब इसका समय पूरा हो गया है। यह बूढ़ा हो चुका है और इसे बचा पाना मुश्किल है।”
⚰️ मुश्किल निर्णय: गधे को मिट्टी में दफ्न करने की योजना
किसान ने बड़ा दुखद निर्णय लिया — “कुएं को ही इसकी कब्र बना दिया जाए।”
वह गांव गया और कुछ लोगों को बुलाया। सभी ने तय किया कि कुएं में मिट्टी भर दी जाए ताकि गधा वहीं शांति से विदा हो सके।
वे सभी फावड़े लेकर कुएं में मिट्टी डालने लगे।

🧠 गधे की सूझबूझ: मिट्टी को बनाया जीवन की सीढ़ी
जैसे ही मिट्टी गधे पर गिरनी शुरू हुई, वह डर से फिर ज़ोर-ज़ोर से रेंकने लगा। उसे समझ में आ गया कि ऊपर क्या चल रहा है।
पहले वह घबरा गया, लेकिन फिर उसने आश्चर्यजनक रूप से खुद को शांत किया।
अब हर बार जब मिट्टी उस पर गिरती, वह उसे अपने शरीर से झटक देता और एक कदम ऊपर चढ़ जाता। यह क्रम चलता रहा:
मिट्टी गिरती, गधा उसे झटकता और एक कदम ऊपर चढ़ जाता
यह देख किसान और गांववाले स्तब्ध रह गए। गधे ने न हार मानी, न रोया, न रुक गया। बस उसने लगातार कोशिश की — चुपचाप, समझदारी से।
🐾 बाहर की ओर छलांग: जब गधा बना जीत का प्रतीक
कुछ ही देर में मिट्टी ने कुएं को इतना भर दिया कि गधा मुहाने तक पहुँच गया।
फिर उसने एक बड़ी छलांग लगाई और कुएं से बाहर निकल आया।
गांववाले यह देखकर दंग रह गए। किसान की आंखों में आंसू आ गए।
जिस गधे को वह खो चुका मान रहा था, उसने सकारात्मक सोच, आत्मबल और सूझबूझ से खुद को बचा लिया।
💡 क्या सीखें इस प्रेरणादायक कहानी से?
- हिम्मत कभी नहीं हारनी चाहिए।
- हर समस्या में छुपा होता है एक अवसर।
- सकारात्मक सोच से बड़ी से बड़ी परेशानी हल हो सकती है।
- संघर्ष ही सफलता की पहली सीढ़ी है।