UP GCC Policy 2024: नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी बनेंगे भारत के नए टेक हब! 2 लाख जॉब्स के मौके
देखिए, जब हम दुनिया के बड़े टेक हब्स की बात करते हैं, तो Uttar Pradesh का नाम ज़्यादातर लिस्ट में नहीं आता। लेकिन अब ये तस्वीर बदल रही है।
बेंगलुरु, हैदराबाद के बाद अब UP बनेगा नया IT हब, टियर-2 और टियर-3 शहरों को मिलेगा बड़ा बूस्ट, स्टार्टअप्स और रिसर्च इनोवेशन को बढ़ावा
तो आइए समझते हैं ये पॉलिसी क्या है, ये क्यों अहम है, और इसमें सरकार कितना इंवेस्ट कर रही है।
UP GCC Policy 2024 क्या है
UP सरकार ने एक बड़ा पॉलिसी स्टेप उठाया है, जिसमें उन्होंने चार शहरों — Noida, Lucknow, Kanpur और Varanasi — को Upcoming Global Capability Center (GCC) हब के रूप में आइडेंटिफाई किया है। और अब टारगेट ये है कि इन शहरों को टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और डिजिटल सर्विसेज के ग्लोबल डेस्टिनेशन में बदल दिया जाए।
UP GCC Policy (Global Capability Centers) एक बोल्ड कोशिश है इंडिया की ग्रोइंग IT और डिजिटल इकॉनॉमी में बड़ा हिस्सा लेने की, यह राज्य को $1 ट्रिलियन इकॉनॉमी बनाने की दिशा में मदद करेगा,
- इसका मक़सद है Fortune 500 companies को अट्रैक्ट करना,
- Foreign Direct Investment (FDI) को बढ़ाना,
- UP की इकॉनॉमी को $1 ट्रिलियन तक पहुंचाने में मदद करना
- और आने वाले 5 सालों में 2 लाख से ज़्यादा हाई-क्वालिटी जॉब्स जनरेट करना।
क्यों चुने गए ये चार शहर?
हर शहर की अपनी एक खासियत है:
- Noida पहले से ही एक बड़ा IT और इलेक्ट्रॉनिक्स हब है। यहाँ HCL, Paytm, Microsoft, और Samsung जैसी कंपनियाँ मौजूद हैं।
- Lucknow, जो कि स्टेट कैपिटल है, वहां की गवर्नेंस, कनेक्टिविटी, IIM Lucknow, CDAC और तेजी से विकसित हो रही इंफ्रास्ट्रक्चर इसे GCC के लिए परफेक्ट बनाती है।
- Kanpur की ताक़त उसके एजुकेशनल और इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट्स में है, जैसे IIT कानपूर, HCL Technologies।
- Varanasi, जो कि एक कल्चरल कैपिटल है, उसे Smart City और Logistics Gateway के रूप में डेवलप किया जा रहा है।यहाँ BHEL, UPSIDA Projects मौजूद हैं
यह सिलेक्शन कोई इत्तेफाक नहीं है — ये पूरे राज्य में इकॉनॉमिक ग्रोथ को बैलेंस्ड तरीके से फैलाने की स्ट्रेटेजी का हिस्सा है।
कितनी होगी इन्वेस्टमेंट और क्या मिलेंगे इंसेंटिव्स?
कौन-सी कंपनियां आ सकती हैं, उनको दो कैटेगरी में बांटा गया है:
- Standard GCC — जिसके लिए 15 से 20 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट और कम से कम 500 जॉब्स चाहिए।
- Advanced GCC — जिसके लिए 50 से 75 करोड़ रुपये की इन्वेस्टमेंट और कम से कम 1,000 एम्प्लॉईज़ होने चाहिए।
UP GCC Policy के तहत कंपनियों को सब्सिडी:
- स्टैंप ड्यूटी: 100% छूट
- कैपिटल सब्सिडी: 25 करोड़ रुपये तक
- EPF रिम्बर्समेंट और इंटर्नशिप सपोर्ट
- लैंड सब्सिडी: 30-50% तक की लैंड कॉस्ट सब्सिडी छूट
- ऑपरेशनल सपोर्ट: 5 साल तक 80 करोड़ रुपये सालाना बचत
- पेरोल सपोर्ट: UP के कर्मचारियों को 1.8 लाख रुपये तक की सालाना सहायता
UP GCC Policy का आर्थिक प्रभाव
- रोजगार सृजन: 2 लाख+ हाई-स्किल जॉब्स
- इनोवेशन हब: सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस, स्टार्टअप ग्रांट्स, IPR सपोर्ट
- टियर-2/3 शहरों का विकास: आर्थिक ग्रोथ का फायदा छोटे शहरों तक
आखिर उत्तर प्रदेश ऐसा क्यों कर रहा है?

UP का $1 ट्रिलियन इकॉनॉमी टारगेट
इंडिया आज एक ग्लोबल टेक और मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। Post-COVID दुनिया में Supply Chains बदल रही हैं — और ऐसे में Uttar Pradesh खुद को एक रेडीमेड डेस्टिनेशन के रूप में प्रेज़ेंट कर रहा है।
सिम्पल सी बात है — Uttar Pradesh का टारगेट है एक $1 ट्रिलियन इकोनॉमी बनना। और इसके लिए चाहिए:
- हाई-वैल्यू जॉब्स
- मॉडर्न डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
- वाइब्रेंट टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम
- स्टार्टअप इकोसिस्टम को मिलेगा बूस्ट
- रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में तेजी
GCC मॉडल इसी के लिए एक बेहतरीन कैटेलिस्ट है। इसी मॉडल ने Bengaluru और Hyderabad को देश के टॉप डिजिटल सेंटर में बदल दिया। और अब UP भी उसी प्लेबुक को फॉलो कर रहा है —
उदाहरण के तौर पर:
- Upcoming Noida International Airport
- HCL-Foxconn Semiconductor यूनिट को हाल ही में मंज़ूरी
ये सब दिखाते हैं कि डिजिटल कैपेबिलिटी और फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को एक साथ जोड़कर एक इंटीग्रेटेड ग्रोथ मॉडल बनाया जा रहा है।
UP GCC Policy किस सेक्टर को मिलेगा फायदा?
इस पॉलिसी में सिर्फ डिलिवरी सेंटर्स ही नहीं बल्कि Innovation, R&D और Startups को भी फोकस किया गया है।
- Centers of Excellence की फंडिंग
- Startup Ideation Grants
- IPR Filing Subsidies
UP GCC Policy 2024 के तहत IT और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा साइंस मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल मार्केटिंग, AI सेमीकंडक्टर,और क्लाउड कंप्यूटिंग निम्न सेक्टर्स में जॉब्स बढ़ेंगी
सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, डेटा एनालिस्ट्स, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स,और प्रोडक्ट मैनेजर्स प्रोफाइल्स की होगी डिमांड?
मतलब यह पूरा Full-Stack Ecosystem बनने जा रहा है — सिर्फ बैक ऑफिस नहीं बल्कि नए इनोवेशन, इन्वेंशन और R&D का हब।
निष्कर्ष: क्या UP बनेगा भारत का नया बेंगलुरु?
एक ऐसा राज्य जो कभी सिर्फ कृषि और पॉलिटिक्स के लिए जाना जाता था, अब India की Next Big Digital Frontier बनने की दौड़ में सीरियस प्लेयर बन चुका है। अगर सही तरीके से लागू किया गया, तो यह बेंगलुरु और हैदराबाद को टक्कर दे सकता है।
अब देखना ये है कि Noida, Lucknow, Kanpur और Varanasi इस मौके को कैसे पकड़ते हैं।
Vision क्लियर है, इंसेंटिव्स स्ट्रॉन्ग हैं और Clock टिक-टिक कर रही है। क्या आप इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं?