Gorakhpur-Shamli Expressway Route: 22 जिले अब चंद घंटों में!

Gorakhpur-Shamli Expressway Route

700KM लंबा नया, Gorakhpur-Shamli Expressway! विकास का तूफान, हरियाणा तक सुपरफास्ट कनेक्टिविटी

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे क्या है?

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जो राज्य के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी यूपी से जोड़ने का काम करेगी। यह एक्सप्रेसवे लगभग 700 किलोमीटर लंबा होगा यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रा समय कम करेगा, बल्कि 22 जिलों को कनेक्ट करके आर्थिक विकास को नई गति देगा।

एक्सप्रेसवे की मुख्य विशेषताएं

  • 4 लेन का हाईवे, लेकिन जमीन 6 लेन के लिए अधिग्रहित की जाएगी।
  • 11 पैकेजों में बनाया जाएगा ग्रीन फील्ड कॉरिडोर।
  • यह यूपी का दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे होगा।
  • डीपीआर (Detailed Project Report) जल्द पूरा होगा, जिसके बाद जमीन अधिग्रहण शुरू होगा।

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के मुख्य फायदे

अभी गोरखपुर से शामली तक की दूरी लगभग 950 किलोमीटर है, जिसमें लगभग 13 घंटे से ज्यादा का समय लगता है।
नए एक्सप्रेसवे से यह दूरी घटकर 700 किलोमीटर रह जाएगी और समय में लगभग 3-4 घंटे की कटौती होगी।

  • 700 किमी की सीधी कनेक्टिविटी (वर्तमान में 950 किमी का चक्कर)
  • यात्रा समय में भारी कमी (13+ घंटे से घटकर कम हो जाएगा)
  • नेपाल सीमा तक आसान पहुँच (अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा)
  • हरियाणा के जिलों से भी जुड़ाव (शामली-अंबाला एक्सप्रेसवे के माध्यम से)
  • स्थानीय व्यापार और रोजगार में वृद्धि

Gorakhpur-Shamli Expressway Route

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यूपी के 22 जिलों को कवर करेगा, जिसमें प्रमुख हैं:

प्रमुख जिले: गोरखपुर, बस्ती, गोंडा, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, फतेहपुर, बांदा, हमीरपुर, औरैया, इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, अलीगढ़, हाथरस, बुलंदशहर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली।

इसके अलावा, यह हरियाणा के अंबाला, करनाल, पानीपत जैसे जिलों से भी जुड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट कब पूरा होगा?

सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार, इस परियोजना के 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। पहले चरण में शामली से पुआया (350 KM) तक का निर्माण किया जाएगा। दूसरे चरण में पुआया से गोरखपुर तक का काम पूरा होगा।

निष्कर्ष

गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यूपी के आर्थिक और सामाजिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल यातायात को सुगम बनाएगा, बल्कि रोजगार, व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। 2025 तक इसके पूरा होने के बाद प्रदेशवासियों को एक नए युग की शुरुआत देखने को मिलेगी।

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