मुजफ्फरनगर के अमन चौधरी ने इंटरनेशनल बैडमिंटन में जीता गोल्ड मेडल, गांव में जश्न का माहौल, देश का नाम रोशन!

इन तस्वीरों में छुपी है एक मां की खुशी और बेटे बैडमिंटन गोल्ड मेडल जीत की कामयाबी की पूरी कहानी

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले अमन चौधरी ने साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है। अमन ने Indo-Nepal SGADF International Championship 2025 जो 18 अप्रैल 2025 से 22 अप्रैल 2025 तक नेपाल के Rangasala Stadium में आयोजित हुए थी। यह टूर्नामेंट SGADF (South Global Association for Development of Sports) द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें विभिन्न देशों के खिलाड़ी शामिल हुए थे

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अमन ने नेपाल में आयोजित इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीतकर न सिर्फ अपने गांव हरसोली, बल्कि पूरे भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

अमन चौधरी ने बताया कि यह नेपाल इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट था, जिसमें सात देशों के खिलाड़ी शामिल थे। इन देशों में श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल, भूटान, चीन और भारत के खिलाड़ी थे। कड़े मुकाबले के बाद, अमन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया।

इंटरनेशनल बैडमिंटन क्या है और कब-कहाँ होता है?

इंटरनेशनल बैडमिंटन एक वैश्विक खेल आयोजन है जिसमें दुनिया भर के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं। ये टूर्नामेंट विभिन्न स्तरों पर आयोजित किए जाते हैं, जैसे बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर (BWF World Tour), कॉन्टिनेंटल चैंपियनशिप, और ओलंपिक खेल। इनका आयोजन बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) द्वारा निर्धारित कैलेंडर के अनुसार होता है।

कब होती है:

इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट पूरे साल आयोजित होते रहते हैं। बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर में सुपर 100, सुपर 300, सुपर 500, सुपर 750 और सुपर 1000 स्तर के टूर्नामेंट होते हैं, जो अलग-अलग समय पर आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा, प्रमुख टूर्नामेंट जैसे विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक खेल भी नियमित अंतराल पर होते हैं।

कहाँ होती है:

ये टूर्नामेंट दुनिया भर के विभिन्न देशों में आयोजित किए जाते हैं, जिनमें बड़े स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उपयोग होता है। अमन चौधरी का हालिया टूर्नामेंट नेपाल इंटरनेशनल था, जो नेपाल में आयोजित हुआ था।

अमन चौधरी इंटरनेशनल बैडमिंटन गोल्ड मेडलिस्ट अपने पदक और ट्रॉफी कैबिनेट के सामने दोस्तों के साथ।
टरनेशनल बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने के बाद, मुजफ्फरनगर के अमन चौधरी (बीच में, पदक पहने हुए) अपने दोस्तों के साथ खुशी का इजहार करते हुए। उनके पीछे उनकी उपलब्धियों से भरी ट्रॉफी कैबिनेट है।

अमन चौधरी की अब तक की खेल यात्रा – संघर्ष से सफलता तक

  • स्टेट लेवल पर अमन ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जहां से उनका आत्मविश्वास और अनुभव और मजबूत हुआ।
  • नेशनल टूर्नामेंट में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता, जिससे उनकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनने लगी।
  • इसके बाद ऑफिशियल नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने अपना पहला गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • 8 महीने बाद, इंटरनेशनल लेवल का कॉल आया और अमन ने बिना पीछे देखे, पूरी मेहनत से नेपाल में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता।

अगला बड़ा लक्ष्य – वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2026

अब अमन चौधरी की नजरें 2026 की वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप पर हैं। उन्हें वर्ल्ड मैच के लिए प्री-सेलेक्ट कर लिया गया है और जल्द ही आधिकारिक कॉल लेटर भी आ जाएगा। यह टूर्नामेंट जनवरी या फरवरी 2026 में आयोजित किया जाएगा।

गाँव के परधान कोच का योगदान और परिवार का समर्थन को आशीर्वाद देते हुए
परधान ने कहा ना जात देखी, ना धर्म – मुजफ्फरनगर के इस खिलाड़ी ने सबका दिल जीत लिया!

कोच की भूमिका – सफलता के पीछे की असली ताकत

अमन की ट्रेनिंग के दो स्तंभ:

  • कार्तिक बालियान – मुख्य कोच, मुजफ्फरनगर
  • आवेश बालियान – कोऑर्डिनेटर, यूपी और हरियाणा स्टेट

अमन कहते हैं – “अगर कार्तिक सर और आवेश सर ना होते, तो शायद मैं इस लेवल तक नहीं पहुंच पाता। उन्होंने मेरे हर कदम पर मार्गदर्शन किया।”

पहली तस्वीर में अमन के बगल में उनका करीबी दोस्त जाहिद मोहम्मद नजर आ रहा है, जो खुद एक खिलाड़ी हैं और इस टूर्नामेंट में अमन को भेजने का फैसला उन्होंने लिया।
जिस दोस्त ने मौका छोड़कर भेजा अमन को – देखिए सच्ची दोस्ती का उदाहरण

दोस्ती की मिसाल – जब दोस्त ने मौका छोड़कर साथी को भेजा

जब यूथ गेम्स के लिए कॉल आया तो जाहिद मोहम्मद, जो अमन के बैडमिंटन पार्टनर और भाई जैसे हैं, हैदराबाद की बैडमिंटन एकेडमी में ट्रेनिंग कर रहे थे। वो खुद नहीं जा पाए, लेकिन उन्होंने अपने स्थान पर अमन को भेजा।

“मैंने सोचा कि अगर मैं नहीं जा पा रहा तो क्यों ना अपने दोस्त को यह मौका दिया जाए। और देखिए, आज वो देश के लिए गोल्ड मेडल जीत कर आया है।” – जाहिद

यह दोस्ती एक प्रेरणा है हर युवा के लिए, जो साथ चलने और साथ बढ़ने में विश्वास रखते हैं।

परिवार और गांव ने दिया पूरा साथ –

माँ के आंसू, पिता का गर्व, भाई का समर्पण

अमन की मां ने भावुक होकर कहा –
“मैंने रो-रो कर अल्लाह से दुआ मांगी थी कि मेरा बेटा कामयाब हो जाए। आज वो मुकाम पा लिया है। अल्लाह ने मेरी सुन ली।”

पिता और भाई भी बेहद खुश हैं। भाई ने कहा,
“भाई हो तो ऐसा, जो हर कदम पर मेरे साथ रहा, सपोर्ट किया, और मुझे मोटिवेट किया।”

पूरे गांव में उत्सव का माहौल

गांव के प्रधान ने कहा:
“हमारा बच्चा देश के लिए खेल रहा है, यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। ये कोई मामूली लड़का नहीं है, ये देश का हीरा है।”

स्पोर्ट्स फेडरेशन और सरकार का सहयोग – बना अमन का सहारा

यूथ स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया का अहम योगदान, इस फेडरेशन ने अमन को इंटरनेशनल टूर्नामेंट के लिए तैयार किया। कोच कार्तिक बालियान को नेपाल भेजा गया ताकि वो अमन की फाइनल ट्रेनिंग दे सकें। सरकार की तरफ से खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जा रही हैं जिससे टैलेंटेड खिलाड़ी अब गांवों से निकल कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच रहे हैं।

समाज के लिए संदेश – खेलों को दीजिए प्राथमिकता

आवेश बालियान कहते हैं:
“अगर हम सभी मिलकर बच्चों को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें, तो एक नहीं, हजारों अमन चौधरी भारत को मिल सकते हैं। शारीरिक शिक्षा और स्पोर्ट्स को प्राथमिकता दी जाए, तभी देश आगे बढ़ेगा।”

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