UPI ट्रांजैक्शन पर GST लागू करने की अफवाहों पर 22 जुलाई 2025 को राज्यसभा में सरकार ने साफ शब्दों में कहा – “कोई प्रस्ताव नहीं है”
ये जानकारी तब सामने आई जब हाल ही में कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्यों में 6000 व्यापारियों को नोटिस भेजे गए थे, जिससे लोगों में भ्रम फैल गया था।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा(मानसून सत्र के दौरान) में जवाब देते हुए कहा कि GST काउंसिल ने UPI लेनदेन पर किसी तरह का टैक्स लगाने की सिफारिश नहीं की है।
क्या है GST काउंसिल और उसका काम?
GST काउंसिल एक संवैधानिक संस्था है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। यह काउंसिल टैक्स रेट और छूट जैसे मुद्दों पर अंतिम फैसला लेती है। सरकार ने कहा कि UPI पर GST लगाने की न तो कोई सिफारिश हुई है और न ही कोई योजना है।
UPI ट्रांजैक्शन पर GST नहीं?
इस फैसले से सीधे तौर पर आम आदमी और छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी। अब ₹2000 से अधिक के UPI ट्रांजैक्शन पर भी कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा। इससे डिजिटल पेमेंट्स को और बढ़ावा मिलेगा।
वर्तमान में व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) और व्यक्ति से व्यापारी (P2M) दोनों तरह के UPI ट्रांजैक्शन पर GST नहीं लगता, चाहे राशि कितनी भी हो। केवल ऐप या बैंक यदि कोई सर्विस चार्ज लेते हैं, तो उस चार्ज पर GST लग सकता है, ट्रांजैक्शन राशि पर नहीं।
UPI पर टैक्स से क्या हो सकता था असर?
- लेनदेन में गिरावट आ सकती थी
- लोग नकद पेमेंट की ओर लौट सकते थे
- डिजिटल इंडिया मिशन को नुकसान होता
क्या भविष्य में बदल सकती है स्थिति?
सरकार ने कहा कि यदि भविष्य में GST काउंसिल कोई नई सिफारिश करती है, तब जाकर कोई बदलाव होगा। अभी के लिए, लोगों को किसी तरह के टैक्स की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
निष्कर्ष
UPI ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगाने को लेकर फैली अफवाहें अब खत्म हो चुकी हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और आम नागरिकों को आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।