केंद्र से यूपी सरकार ने मांगे 2.10 लाख करोड़!

केंद्र से यूपी सरकार ने मांगे 2.10 लाख करोड़!

यूपी सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए मांगे ₹2.10 लाख करोड़ – गांवों को मिलेगा विकास का तोहफा?

उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास को गति देने के लिए 16वें वित्त आयोग के समक्ष 2,10,100.85 करोड़ रुपये की बड़ी मांग रखी है। यह फंड अगले पांच वर्षों (2025-2030) में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के विकास पर खर्च किया जाएगा। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता है, तो प्रदेश के गांवों में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

क्यों जरूरी है यह फंड?

उत्तर प्रदेश की ग्राम पंचायतें कई जिम्मेदारियों का निर्वहन करती हैं। जिनमें शामिल हैं, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, सड़कें, नालियां, हैंडपंप, और तालाबों का रखरखाव शामिल है। वर्तमान में मिलने वाली केंद्रीय वित्तीय सहायता इन जरूरतों को पूरा करने में नाकाफी है। इसलिए, यूपी सरकार ने 16वें वित्त आयोग से इस बड़े बजट की मांग की है ताकि ग्रामीण विकास को गति मिल सके।


2.10 लाख करोड़ रुपये का उपयोग कैसे होगा?

प्रस्ताव के अनुसार, इस राशि को तीन मुख्य क्षेत्रों में बांटा गया है:

1. रखरखाव (मेंटेनेंस) – ₹39,104.48 करोड़

  • पंचायत भवनों, सड़कों, नालियों, और तालाबों की मरम्मत।
  • सामुदायिक शौचालयों, स्कूलों, और अन्य बुनियादी ढांचों का रखरखाव।

2. संचालन खर्च – ₹31,464.26 करोड़

  • ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, और जिला पंचायतों के प्रशासनिक खर्च।
  • कर्मचारियों के वेतन, कार्यालय सामग्री, और बिजली जैसी जरूरतें।

3. संसाधन विकास – ₹1,39,532.11 करोड़

  • नई सड़कें, नालियां, स्ट्रीट लाइट, और हाईमास्ट लाइट का निर्माण।
  • अमृत सरोवर, भूजल रिचार्ज सिस्टम, और स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं का विकास।

अब तक कितना फंड मिला?

15वें वित्त आयोग से उत्तर प्रदेश को 2021-22 से 2025-26 तक कुल 38,012 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। साल-दर-साल राशि इस प्रकार थी:

  • 2021-22: ₹7,208 करोड़
  • 2022-23: ₹7,466 करोड़
  • 2023-24: ₹7,547 करोड़
  • 2024-25: ₹7,994 करोड़
  • 2025-26 (अब तक): ₹7,797 करोड़

इसके अलावा, राज्य वित्त आयोग से 43,673.78 करोड़ रुपये भी मिले हैं, हालांकि यह आंकड़ा सार्वजनिक रूप से पूरी तरह सत्यापित नहीं है।

मैनपावर पर सबसे ज्यादा खर्च

ग्राम पंचायतों का सबसे बड़ा खर्च कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर होता है। कई पंचायतें सीमित संसाधनों के कारण समय पर भुगतान नहीं कर पातीं। यूपी सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए मांग की है कि केंद्रीय वित्त आयोग की राशि को हर साल बढ़ाया जाए, ताकि पंचायतें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।


गांवों को क्या मिलेगा?

यदि यह प्रस्ताव स्वीकार होता है, तो अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश के गांवों को निम्नलिखित सुविधाएं मिल सकती हैं:

  • पंचायत और आवासीय भवनों का निर्माण और मरम्मत।
  • सामुदायिक शौचालयों और स्कूलों का रखरखाव।
  • आंगनबाड़ी केंद्र और एएनएम सेंटर का सशक्तिकरण।
  • नए हैंडपंप, तालाब, और अमृत सरोवर का निर्माण।
  • सड़कों, नालियों, स्ट्रीट लाइट, और सोलर लाइट की स्थापना।
  • कर्मचारियों की नियुक्ति और समय पर वेतन।

ग्रामीण भारत के लिए एक बड़ा कदम

यूपी सरकार का यह प्रस्ताव ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि केंद्र सरकार इस मांग को मंजूरी देती है, तो ग्राम पंचायतें वित्तीय रूप से मजबूत होंगी, और गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास शहरी क्षेत्रों की तरह तेजी से हो सकेगा।


निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम ग्रामीण विकास को नई गति देगा। अगर यह फंड मिलता है, तो गांवों की बुनियादी सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा और ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा।

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