गंगा दशहरा हर साल ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मनाया जाता है। यह गंगा के पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है।
राजा भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा ने धरती पर अवतरण किया और सगर पुत्रों का उद्धार किया।
गंगा स्नान से दस प्रकार के पापों का नाश होता है - 3 शारीरिक, 4 वाचिक, और 3 मानसिक पाप।
गंगा दशहरा 2025: पूजन मुहूर्त 📅 5 जून 2025 🕕 स्नान मुहूर्त: सुबह 5:25 बजे से 7:40 बजे
गंगा जल से स्नान करें, तिल, वस्त्र, फल और दक्षिणा का दान करें। मां गंगा की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें।
भगवान शिव ने गंगा को जटाओं में रोका था, इसलिए गंगा दशहरा पर शिव पूजन का भी विशेष महत्व है।
"ॐ नमः शिवाय गंगे त्राहि माम् भवसागरात्।" इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
"जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता..." गंगा की आरती करने से घर में सुख-शांति और पवित्रता बनी रहती है।
गंगा दशहरा केवल एक त्योहार नहीं, मोक्ष का मार्ग है। इस दिन का हर कार्य—स्नान, पूजन, दान—आपके जीवन में शुद्धता लाता है।