योगी सरकार के 8 साल: कैसे उत्तर प्रदेश ने बीमारू से ग्रोथ इंजन बनने तक का सफर तय किया
उत्तर प्रदेश (यूपी), भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, जो कभी बीमारू राज्य के रूप में कुख्यात था, आज भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है।
2017 से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अभूतपूर्व बदलाव से गुजरा है। कभी अपराध, माफिया राज और आर्थिक ठहराव के लिए कुख्यात, यूपी आज विकास, सुरक्षा और आर्थिक प्रगति का प्रतीक बन चुका है। यह लेख बताता है कि कैसे यूपी, योगी सरकार के 8 साल ने अपनी छवि बदलकर विकास की नई मिसाल कायम की।
2017 से पहले उत्तर प्रदेश की स्थिति
भयावह दौर – गुंडा राज का बोलबाला
2017 से पहले, यूपी को कभी “बीमारू” (बीमार) राज्य कहा जाता था। उत्तर प्रदेश की पहचान गुंडाराज, माफिया राज, भाई-भतीजावाद, टूटी सड़कें, अंधेरी रातें और गंदे पानी से थी।
राज्य की जनता दहशत में जीने को मजबूर थी और कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं थी। अपराधी सड़कों पर खुलेआम घूमते थे और जनता को असुरक्षा का सामना करना पड़ता था। माफिया सरगना बेखौफ होकर काम करते थे।
2013 के मुजफ्फरनगर दंगों, जिसमें कई लोगों की जान गई और हजारों विस्थापित हुए, ने राज्य की नाजुक कानून-व्यवस्था को उजागर किया। अपहरण, उगाही और हिंसक अपराध आम थे, जिससे नागरिक भय में जीते थे।
आज, इसके विपरीत, उत्तर प्रदेश कानून व्यवस्था की मजबूती, आर्थिक समृद्धि और अभूतपूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर विकास का पर्याय बन गया है।
योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल: न्याय का प्रतीक
मार्च 2017 में सत्ता संभालने के बाद, योगी आदित्यनाथ ने कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी ओर “जीरो टॉलरेंस” पॉलिसी अपनाई।
उनकी सरकार ने “बुलडोजर मॉडल” शुरू किया, जिसके तहत अपराधियों और माफियाओं की अवैध संपत्तियों को निशाना बनाया गया। इस कठोर दृष्टिकोण ने अपराधियों में खौफ पैदा किया और अपराध दर में भारी कमी आई।
सरकार का दावा है कि इससे अपराधियों में भय का माहौल बना है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बिना नोटिस और सुनवाई के ऐसे विध्वंस को अवैध करार दिया है और 15 दिन की नोटिस अवधि अनिवार्य की है।
प्रमुख आंकड़े:
- हत्या: 85% की कमी।
- डकैती: 80% की कमी।
- अपहरण: 71% की कमी।
- लूटपाट: 81% से अधिक की कमी।
- बलात्कार: 40% की कमी।
- उगाही: 66% की कमी।
- दंगे: 80% तक कम, प्रयागराज महाकुंभ जैसे आयोजनों में कोई हिंसा नहीं
पंगु पुलिस प्रशासन का सशक्तिकरण
पहले, राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुलिस की शक्तियां सीमित थीं। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले अधिकारियों का तबादला या निलंबन हो जाता था। योगी सरकार ने पुलिस को स्वायत्तता दी, जिसके परिणामस्वरूप मुख्तार अंसारी (2024 में हिरासत में मृत्यु) और अतीक अहमद (2023 में मारा गया) जैसे माफियाओं का सफाया हुआ।
होना, कथित तौर पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था।
- 7 जिलों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू
- यूपी स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) का गठन
- 222 अपराधियों का एनकाउंटर, 8,000+ घायल
- रात्रिकालीन PRV (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) सेवा
भूमाफिया पर कार्रवाई –
योगी सरकार ने भूमाफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, ₹2,000 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्तियों को जब्त किया। इससे अवैध जमीन कब्जे पर अंकुश लगा और बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिला।
महिला सुरक्षा में यूपी बना राष्ट्रीय मॉडल –
महिलाओं के खिलाफ अपराध का डर कम हुआ है। आज, यूपी में महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं, और परिवार अब अपनी बेटियों को शाम के बाद बाहर भेजने में संकोच नहीं करते, जो 2017 से पहले की स्थिति से बिल्कुल विपरीत है।
- सजा दर: 2022 में महिला अपराध मामलों में सजा दर 70.8% (राष्ट्रीय औसत 25.3%)
- महिला सुरक्षा पहलें: ‘पिंक बूथ’, ‘सावधान इंडिया’ अभियान और 1090, 112 हॉटलाइन जैसी पहलें शुरू की गई हैं।
- एंटी-रोमियो स्क्वाड और 3 महिला PAC बटालियन का गठन
आर्थिक विकास: GDP और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक – योगी आदित्यनाथ की नीतियों ने यूपी को भारत की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया, जो केवल महाराष्ट्र से पीछे है। प्रमुख आर्थिक उपलब्धियां:
- राज्य जीडीपी: 2017 में ₹12.75 लाख करोड़ से बढ़कर 2025 में ₹27.5 लाख करोड़।
- प्रति व्यक्ति आय: ₹52,671 से बढ़कर, FY 2025-26 के लिए ₹1.47 लाख अनुमान हो गई।
- राज्य बजट: ₹3.5 लाख करोड़ से बढ़कर ₹8 लाख करोड़।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI): 2000-2017 में ₹3,300 करोड़ की तुलना में 2017-2024 में ₹14,808 करोड़।
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बैंकिंग कारोबार ₹12.30 लाख करोड़ से ₹29.66 लाख करोड़ तक पहुंचा।
मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब
- देश के 45% मोबाइल्स का उत्पादन यूपी में
- 2023 इन्वेस्टर्स समिट: ₹40 लाख करोड़ के प्रस्ताव
- MSME को बढ़ावा: 20,000+ नई इकाइयों को मंजूरी
यूपी इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे में विकास –
योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी, जिसमें शामिल हैं:
- 6 नए एक्सप्रेसवे: यूपी में अब देश में सबसे अधिक एक्सप्रेसवे हैं। यमुना, आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूरे हो चुके हैं, जो कुल मिलाकर 1,194 किमी हैं। गंगा एक्सप्रेसवे – 594 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
- पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे: नोएडा का जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जल्द ही एशिया का सबसे बड़ा होगा। कुशीनगर व अयोध्या हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपग्रेड किया गया है।
- 5 शहरों में मेट्रो: कई शहरों (लखनऊ, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा) में मेट्रो चालू या निर्माणाधीन।
- 17 स्मार्ट सिटी विकसित, 125 नए नगर निकाय गठित
कृषि और ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति
किसानों के लिए ऐतिहासिक योजनाएँ
- कृषि विकास दर 8.6% से बढ़कर 13.7%
- फल-सब्जी उत्पादन में देश में अव्वल (4 करोड़ टन वार्षिक)
- 76,189 सोलर पंप किसानों को आवंटित (PM KUSUM योजना)
- 27 मंडियों का आधुनिकीकरण, किसानों को बेहतर मूल्य
बिजली और सोलर ऊर्जा
- बिजली: बार-बार बिजली कटौती से अब सरप्लस बिजली उत्पादन।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे, तहसीलों में 22 घंटे, जिला मुख्यालयों में 24×7 बिजली
- निजी ट्यूबवेल वाले किसानों को 100% बिजली सब्सिडी
- अयोध्या को सोलर सिटी, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की योजना
बैंकिंग और निवेश में वृद्धि
बैंकिंग क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि देखी गई:
- कुल बैंकिंग कारोबार: 2017 में ₹12.30 लाख करोड़ से 2025 में ₹29.66 लाख करोड़।
- क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात: 46% से बढ़कर 61%, जो बढ़ती आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है।
ग्रामीण विकास और कल्याणकारी योजनाएँ
स्वच्छता और आवास क्रांति
- 2.62 करोड़ शौचालयों का निर्माण (स्वच्छ भारत अभियान के तहत)
- 56 लाख से अधिक घर गरीबों को आवास योजना के तहत आवंटित
- मुफ्त राशन वितरण: कोविड काल में 14.7 करोड़ लोगों को सहायता
यूपी उज्ज्वला योजना और स्वास्थ्य सुविधाएँ
- 1.86 करोड़ Ujjwala LPG कनेक्शन वितरित
- मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना: 49 लाख परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
- 5,000 नए स्वास्थ्य उप-केंद्र स्थापित, सभी 75 जिलों में मुफ्त डायलिसिस
धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विकास
- राम मंदिर निर्माण और अयोध्या में ग्रैंड दीपावली
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण
- कुंभ मेला 2025 की तैयारियाँ (66.3 करोड़ श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड)
योगी आदित्यनाथ: ऐतिहासिक कार्यकाल
योगी आदित्यनाथ मार्च 2025 तक आठ साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहकर यूपी के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री बनने की ओर अग्रसर हैं।
पहले, यूपी में पांच साल का कार्यकाल पूरा करना दुर्लभ था, केवल मायावती और अखिलेश यादव ने यह उपलब्धि हासिल की थी। योगी की स्थिरता और प्रगति ने उन्हें व्यापक समर्थन दिलाया है।

उत्तर प्रदेश का बदलाव क्यों मायने रखता है
“यूपी मॉडल” अब गुजरात मॉडल को भी पीछे छोड़ चुका है।
- बेहतर सुरक्षा: नागरिकों और व्यवसायों के लिए सुरक्षित माहौल।
- आर्थिक अवसर: रोजगार और निवेश में वृद्धि।
- उन्नत बुनियादी ढांचा: बेहतर कनेक्टिविटी और जीवन की गुणवत्ता।
विपक्ष की आलोचना: ‘जंगलराज’ और बेरोजगारी के आरोप
विपक्षी दलों ने सरकार की नीतियों की आलोचना की है:
- कानून-व्यवस्था: समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने राज्य में ‘जंगलराज’ का आरोप लगाया है।
- बेरोजगारी: विपक्ष का कहना है कि विकास के बावजूद बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है।
- महिला सुरक्षा: कांग्रेस ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों की उच्च संख्या पर चिंता जताई है।
निष्कर्ष: योगी बुलडोजर मॉडल, भारत का ग्रोथ इंजन
योगी सरकार के 8 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है, जैसे कि अपराध दर में कमी, आर्थिक विकास और अवसंरचना का विस्तार।
भविष्य का लक्ष्य:
- 2028 तक $1 ट्रिलियन इकोनॉमी
- 1 करोड़ नए रोजगार के अवसर
- भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना
योगी जी का संदेश: “हमने साबित कर दिया है कि सही नीतियों और मजबूत इच्छाशक्ति से कोई भी राज्य बदल सकता है। अब उत्तर प्रदेश को भारत की आर्थिक राजधानी बनाने का लक्ष्य है!”
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